भाइयों-बहनों, माई इंडिया ऑफ़ आइडिया
नहीं, कतई ग़लती से नहीं लिखा है यह शीर्षक. यही सुनाई दिया था पिछले दिनों…
नहीं, कतई ग़लती से नहीं लिखा है यह शीर्षक. यही सुनाई दिया था पिछले दिनों…
बेटा नरेंद्र, आज तुम एक सूबे के मुख्यमंत्री हो. अपनी हठधर्मिता से एक पार्टी के प्रधानमंत्री…
(1) मंदाकिनी के तट पर बिखरे हाथों में चिपटा है काला ख़ून मिट्टी अब चमड़ी का…
स्क्रिप्ट यों शुरू होती है…. गुजरात के मेहसाणा का बड़नगर. यहां एक लबालब भरा तालाब….
शौक की ही तो बात है. वरना कोई सोने के पालनों में पला बच्चा आखिर किसलिए…
मेरा एक गाना दिल खोल कर गाने का मन कर रहा है. अल्लाह, अल्लाह, मैं हुई जवान. अल्लाह…
तो जनाब, आज की मुमकिन बातचीत में कई दिनों की चुप्पी की बाद आपसे मुख़ातिब हूं….
तो चलिए जनाब, आज आपकी मुलाक़ात करा देते हैं एक ऐसे शख़्स से जो शायद आज…
पिछले दिनों दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में किंडल पत्रिका की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी…
मैं टोपी हूं. शिरोधार्य. यही तो कहा गया था मुझे आकार देते हुए. बाद में मैंने…