मोदी सरकार को अभी आठ महीने पूरे हुए हैं। इसीबीच उनकी कूटनीति विफलताओं का जैसे एक संपूर्ण वृत्त पूरा करने जा रही है।
सबसे पहले, अपनी ताजपोशी के समय ही उन्होंने पड़ौसी देशों और सार्क को छुआ था। छ: महीने बीतते न बीतते, उनका उत्साह इतने चरम पर चला गया कि नवंबर 2014 में सार्क के 18वें सम्मेलन में उन्होंने उसका दम ही निकाल दिया। अब यह कहना मुश्किल है कि सार्क का अगला सम्मेलन होगा भी या नहीं। पाकिस्तान के साथ तो बातचीत के रिश्ते भी नहीं बचे।
पड़ौसी देशों के बाद 15-16 जुलाई 2014 में ब्राजील के फोर्टालेज़ा और ब्रासीलिया में भारी जोशो-खरोश के साथ वे ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के) सम्मेलन में गये। चारो देश के नेताओं से गलबहियों में वैसा ही उत्साह था जैसा अभी ओबामा के मामले में दिखाई दे रहा है। ब्रिक्स देशों के सुर में सुर मिलाते हुए 100 बिलियन डालर के कोष के साथ न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनबीडी) के गठन की घोषणा से आईएमएफ और वल्र्ड बैंक को चुनौती दी। उसका सदर दफ्तर शंघाई में होगा और पहला अध्यक्ष भारत का। सभी क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने की औपचारिकता के साथ बात खत्म होगयी।
ब्रिक्स सम्मेलन के दो महीने बाद ही सितंबर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आएं। बंगलौर गये, गुजरात गये, कुछ वाणिज्यिक संधियां की। लेकिन जब वे भारत में थे, उसी समय लद्दाख की सीमा पर भारतीय और चीनी फौज के बीच तनातनी चल रही थी। आज अब स्थिति यह है कि चीन साफ कह रहा है कि वह पाकिस्तान का दामन नहीं छोड़ सकता है। ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री के साथ शी जिनपिंग की गलबहियों से जुड़े विशेष तार टूट गये। चीन ने ओबामा की भारत यात्रा पर छींटाकशी में कोई कोताही नहीं बरती है।
अबतक की इन सारी कूटनीतिक कसरतों के शीर्ष पर आई है ओबामा की यह भारत यात्रा। इसके पहले नवंबर 2014 में ही मोदी जी अमेरिका घूम आये थे और न्यूयार्क के मैडिसन स्क्वायर पर जो तमाशा किया, उसे याद करते हुए आज भी ओबामा अपने भाषण में हॉलिवुड के नायकों की चर्चा कर रहे थे। ओबामा की भारत यात्रा ही तो वह अंतिम मुकाम था, जहां मोदी जी के अब तक के सारे कूटनीतिक कर्मों को फलीभूत होना था। मोदी जी की कूटनीति के लिये यह कुछ ऐसी ही है, जिसे कहते हैं, अंत भला तो सब भला। अब तक अच्छा-बुरा जो भी क्यों न हुआ हो, अमेरिका अगर मान गया तो फिर भवसागर पार ही समझो। इसीलिये हर प्रोटोकोल और औपचारिकता को बालाएं ताक रख कर उन्होंने खुद अपने हाथों से ओबामा को चाय पिलाई, उन्हें नाम से पुकारा और उनसे अपनी पक्की दोस्ती की बाकायदा घोषणा भी कर दी। तथाकथित परमाणविक संधि, जिसे भूलवश भारतवासियों ने भारत-अमेरिका संबंधों की कुंजी मान लिया है, उसपर अमल की सारी बाधाएं दूर कर दी गयी।
इन सबके बाद भी, अचरज की बात है कि यह सवाल रह गया है – आगे क्या? एक बात साफ हो चुकी है कि परमाणु ऊर्जा संयत्रों की स्थापना तो एक शुद्ध मृग-मरीचिका है। आज के पूरी तरह से बदल चुके ऊर्जा के विश्व-परिदृश्य में भला भारत की ऐसी कौन सी निजी कंपनी होगी, जो अपनी बलि चढ़ाके ऐसे भारी नुकसानदायी प्रकल्पों में अपना हाथ जलायेगी ?
रही बात, भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को सुधारने की, तो यह सिलसिला अपने खुद के तर्कों पर ही सारी दुनिया के देशों के बीच चल रहा है और चलता रहेगा। इसके लिये शायद राष्ट्राध्यक्षों की आपस में गहरी दोस्ती की जरूरत नहीं है।
भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में भी, हथियारों के उत्पादन और व्यापार को लेकर जो बातें हुई है, उनमें ऐसा नया कुछ नहीं है जो खास तौर पर भारत का ही हित साधता हो। उल्टे, भारत आने के पहले, पाकिस्तान को ओबामा ने जिस प्रकार आश्वस्त सा किया था, उस मनोभाव में किसी प्रकार के परिवर्तन के कोई आसार नहीं दिखाई दिये हैं।
इसमें ग़ौर करने लायक एक बात यह भी है कि ओबामा की भारत यात्रा की ख़बर मिलते ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत का एक तूफ़ानी दौरा (13-14 दिसंबर को) कर गये और एक झटके में रक्षा तथा ऊर्जा को लेकर वे सारे समझौते करा ले गये कि अागे ओबामा के साथ करने के लिये बहुत कुछ शेष नहीं रह गया । भारत की धरती से ओबामा का पुतिन के खिलाफ विष-वमन, उन्हें दादागिरी न करने की सलाह देना इसीलिये अकारण नहीं था ।
कुल मिला कर, आसानी से इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि इन आठ महीनों की मोदी की सारी कूटनीतिक पहलकदमियां उनकी राष्ट्रीय नीतियों की तरह ही थोथे दिखावे की ज्यादा रही है। राष्ट्रीय क्षेत्र में ऐसा दिखावा भी प्रचार माध्यमों की कृपा से कुछ दिनों तक चल जाता है, भ्रम बना रहता है, लेकिन कूटनीति के क्षेत्र में विफलताओं की गूंज तत्काल और बड़ी तेजी से सुनाई देने लगती है। इसीलिये, नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय नीतियों की अवहेलना करते हुए कूटनीतिक सफलताओं के बल पर राष्ट्रीय राजनीति में अपने महत्व को बनाये रखने की जो उल्टी चाल चली है, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बैठा कर अकेले ही बाजी मार लेने की जो हड़बड़ी दिखाई है, उसके दुष्परिणामों को उन्हें जल्द ही भुगतना पड़ेगा।
दिल्ली के चुनाव में ओबामा उनकी रक्षा नहीं करेंगे।
civaget704
I love how active and engaged the community on 부달 is. It’s great to connect with fellow massage enthusiasts in Busan.
civaget704
오피 provides a much-needed escape from the stresses of life.
Dom
I’ve learned valuable self-care tips from the content shared on 대밤.
civaget704
The categorization on 부산비비기 makes it easy to find what I need.
Civaget
밤떡 is the ultimate destination for relaxation and rejuvenation.
Civaget
I’ve never felt more relaxed and at peace than after a session at 아이러브밤; it’s truly a haven for holistic wellness.
Civaget
Thanks to 오피가이드, I’ve had some of the best massages of my life. Can’t recommend it enough!
Civaget
The transparency of 오피스타‘s ranking system instills trust in the platform’s recommendations.
Civaget
오피쓰‘s commitment to customer satisfaction is unparalleled, truly commendable.
civaget704
I’ve had nothing but positive experiences with massage businesses I found through 오피아트.
civaget704
I’ve recommended 헬로밤 to all my friends and family. It’s the best place to unwind and recharge.
Civaget
The warmth of 아이러브밤‘s ambiance is unmatched.
Civaget
The massage therapists at 오피스타 are highly skilled. I always feel revitalized after a session.
Civaget
밤의민족 sets a high standard for online community platforms.
강남오피
Unwind and recharge at 강남오피, where expert therapists provide tailored treatments to address your specific needs and promote overall wellness.
Civaget
I’m addicted to the immersive world of 마나토끼. It’s my go-to for discovering new series and connecting with fellow fans.
Civaget
북토끼 has such a fantastic selection of comics. The community engagement is top-notch too. Always excited to explore new titles here.
Civaget
The storytelling on 블랙툰 is so immersive. I often find myself lost in the world of my favorite series.
Civaget
Found some hidden gems on 툰코. Highly recommend exploring.
Civaget
달리머넷 has helped me expand my knowledge and skills in ways I never imagined.
Civaget
The intuitive design of 누누티비 ensures a seamless viewing experience for users on different devices and platforms.
대구오피
대구오피 offers a sanctuary of relaxation, where patrons can escape the hustle and bustle of daily life.
대전오피
대전오피 is my favorite spot for relaxation in Daejeon. The massages are blissful, and the staff is attentive.
yousuf khan
Explore missav‘s treasure trove of content with VPN-enabled access.
yousuf khan
The sheer volume of visitors on 폰허브 is mind-blowing.
인천오피
Experience the art of relaxation at 인천오피, where expert therapists offer personalized massage treatments for a truly indulgent experience.
Civaget
As a fan of webtoons, I appreciate that 무료웹툰 offers such a diverse selection without any cost.
yousuf khan
I appreciate how user-friendly 블랙툰사이트 is. It’s easy to navigate and find exactly what I’m looking for.
Civaget
Can’t get enough of the creativity showcased on 블랙툰 주소, truly inspiring stuff!
Civaget
One of the best features of 블랙툰 대체 is its free access to all webtoons, eliminating the need for subscriptions.
Civaget
Can’t get enough of the thrilling adventures in 블랙툰 웹툰!
Civaget
I love how community-driven 링크사랑 is. It feels like I’m part of something bigger.
Civaget
Kudos to the moderators of 링크짱 for their meticulous curation process. It ensures that only the best links make it to the platform.
Civaget
주소박스 is like having a personal curator for the internet. Saves me time and energy searching for reliable links.
Civaget
Playing on 에볼루션사이트 has brought me hours of entertainment and excitement. I highly recommend it to anyone looking for a top-notch gaming experience.
umair
Nice site, nice and easy on the eyes and great content too. Do you need many drafts to make a post? crazyrichslot.sbs
Civaget
The exclusive benefits of the 오피 membership program make it a great value for frequent visitors.
Civaget
오피가이드‘s commitment to excellence ensures that every client leaves feeling pampered and rejuvenated.
Civaget
With 오피, satisfaction is guaranteed, backed by years of expertise.
Civaget
Obsessed with the Swedish massage options at 오피아트.
Civaget
The professionalism and dedication of the staff at 오피 make it a top choice for those seeking relaxation and stress relief.